आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुँच कर संपन्न हो गया ! इन चुनावों में अगर देखा जाये तो सबसे सकारात्मक पहलु यह रहा कि अब तक जो पोलिंग प्रतिशत 35 -45 % रहा करता था वो इस बार 62 % तक पहुंचा ! इस बढे पोल प्रतिशत के पीछे कई कारण हो सकते है पर मुख्यतः तीन कारण जो सामने आते है वह है-
1- निर्वाचन आयोग द्वारा पहले वोट बढवाने/ बनवाने का अभियान और फिर प्रत्येक जिले/ विधानसभा क्षेत्र में मतदाता जागरूकता के जिला
निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित किया जाना !
२- पिछले 2 -3 वर्षों से देश में पहले तो बाबा रामदेव द्वारा और फिर तमाम समाज-सेवियों द्वारा जो भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल तैयार किया
गया, वह भी इस बढे पोल प्रतिशत में बहुत हद तक एक कारक रहा है !
३- इसके आलावा मतदाता को जागरूक करने के लिए सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में जो मीडिया खासकर प्रिंट मीडिया द्वारा एवं विभिन्न सामाजिक
संगठनों द्वारा जो प्रयास किये गए वह भी सराहनीय है !
अब अगर इन चुनावों के नतीजों का अनुमान लगाया जाये तो निम्न आंकड़े सामने आते है-
भाजपा- 55
सपा- 210
बसपा- 88
कांग्रेस- 20
रालोद- 8
पीस पार्टी- 3
अन्य- 18
और अगर परिणाम ये रहा तो निश्चित ही प्रदेश और देश की राजनीती में अगले एक साल तक जो प्रभाव नजर आयेंगे वो निम्न हो सकते है-
1- साल 2012 अंत तक ममता बैनर्जी और जयललिता पुनः एनडीए में शामिल होंगी और केंद्र में मध्यावधि चुनाव संभव
2- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे राहुल गाँधी के राजनैतिक भविष्य को भी तय करेंगे ! कांग्रेसी नेतृत्व राहुल गाँधी से तौबा करने को मजबूर होगा और मजबूरन सोनिया गाँधी प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपेंगी तथा अगले चुनाव में प्रियंका कांग्रेस को लीड कर सकती है !
खैर अब सभी को इंतजार है तो बस ६ मार्च का ...
1- निर्वाचन आयोग द्वारा पहले वोट बढवाने/ बनवाने का अभियान और फिर प्रत्येक जिले/ विधानसभा क्षेत्र में मतदाता जागरूकता के जिला
निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित किया जाना !
२- पिछले 2 -3 वर्षों से देश में पहले तो बाबा रामदेव द्वारा और फिर तमाम समाज-सेवियों द्वारा जो भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल तैयार किया
गया, वह भी इस बढे पोल प्रतिशत में बहुत हद तक एक कारक रहा है !
३- इसके आलावा मतदाता को जागरूक करने के लिए सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में जो मीडिया खासकर प्रिंट मीडिया द्वारा एवं विभिन्न सामाजिक
संगठनों द्वारा जो प्रयास किये गए वह भी सराहनीय है !
अब अगर इन चुनावों के नतीजों का अनुमान लगाया जाये तो निम्न आंकड़े सामने आते है-
भाजपा- 55
सपा- 210
बसपा- 88
कांग्रेस- 20
रालोद- 8
पीस पार्टी- 3
अन्य- 18
और अगर परिणाम ये रहा तो निश्चित ही प्रदेश और देश की राजनीती में अगले एक साल तक जो प्रभाव नजर आयेंगे वो निम्न हो सकते है-
1- साल 2012 अंत तक ममता बैनर्जी और जयललिता पुनः एनडीए में शामिल होंगी और केंद्र में मध्यावधि चुनाव संभव
2- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे राहुल गाँधी के राजनैतिक भविष्य को भी तय करेंगे ! कांग्रेसी नेतृत्व राहुल गाँधी से तौबा करने को मजबूर होगा और मजबूरन सोनिया गाँधी प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपेंगी तथा अगले चुनाव में प्रियंका कांग्रेस को लीड कर सकती है !
खैर अब सभी को इंतजार है तो बस ६ मार्च का ...